Agri Business Idea:फूलों की नर्सरी तैयार करने की जान लीजिए नई तकनीक, होगा फायदा ही फायदा
Agri Business Idea: फूल सभी को पसंद होते हैं. घर, ऑफिस, पार्क हर जगह आपको फूल दिखाई देंगे. ऐसे में अगर आप फूलों की नर्सरी का बिजनेस शुरू करते हैं तो यह काफी मुनाफे वाला हो सकता है.
(Image- ICAR)
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Agri Business Idea: प्रकृति के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण भी लोगों का पेड़-पौधे लगाने की ओर रुझान बढ़ा है. फूल सभी को पसंद होते हैं. घर, ऑफिस, पार्क हर जगह आपको फूल दिखाई देंगे. ऐसे में अगर आप फूलों की नर्सरी का बिजनेस शुरू करते हैं तो यह काफी मुनाफे वाला हो सकता है.
आज के समय में अलग-अलग फूलों के हाइब्रिड बीजों की किस्में काफी महंगी हैं. इसके साथ ही उत्पादकों को हेल्दी नर्सरी पौध तैयार करने की तकनीक की जानकारी नहीं है. बरसात के बाद फूलों की हेल्दी पौध तैयार मुश्किल होता है. खरपतवार, रोग, कीट का प्रकोप होता है. इसे खुले खेत में हेल्दी पौध तैयार करना बहुत ही कठिन है. ऐसे में फूलों की नर्सरी आधुनिक तकनीक से तैयार की जा सकती है.
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ग्रीन हाउस नर्सरी
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आईसीएआर के मुताबि, इस विधि से फूलों की पौध ग्रीन हाउस में तैयार की जाती है. इसमें चारों ओर 40 मेस आकार का नायलॉन नेट लगाकर इसके ऊपर प्लास्टिक ढका जाता है. इससे कीट जैसे सफेद मक्खी, एफिड, जैसिड, थ्रिप्स आदि का ग्रीन हाउस नहीं आ पाते. ग्रीन हाउस पर दो दरवाजे लगे होते हैं. इससे कीट को अंदर आने से पूरी तरह रोका जा सकता है.
ग्रीन हाउस में छाया करने के लिए नेट का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे गर्मियों में दिन के समय फैलाकर बाहर आने वाली तेज धूप को रोककर अंदर 40 से 50% छाया की जा सकती है. सर्दी के मौसम में यह दिन में बंद रखा जा सकता है ताकि दिन के समय ग्रीन हाउस के अंदर तापमान बढ़ा जा सके.
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आधुनिक तकनीक से पौध तैयार करने के फायदे
- कम समय में हेल्दी और हाई क्वालिटी के पौध तैयार करना संभव
- सर्दी के मौसम में खुले वातावरण में तैयार की जा सकती है
- बीजों की क्वांटिटी में कमी की जा सकती है और बीज अलग-अलग छेदों में बोना संभव है
- इस तकनीक से पौध में क्षति कम होती है
- इस प्रकार तैयार पौध को सही तरीके से पैकिंग के बाद काफी दूर तक आसानी से भेजा सकता है
इस तकनीक द्वारा सर्दी के मौसम में पौध तैयार होने में 28-30 दिनों का समय लगता है. तैयार पौध को माध्यमम सहित निकालकर खेत में रोपाई की जा सकती है. माध्यम के चारों और जड़ों की जाल फैला रहता है. इससे पौध की गुणवत्ता पता चलती है. इस तकनीक द्वारा पौध तैयार करने में जड़ों का विकास अच्छआ और अधिक होता है.
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प्रो-ट्रे में उगाए जा सकते हैं ये पौधे
इस विधि से अलग-अलग फूलों की पौध को दो तरह के प्लास्टिक ट्रे- प्रो-ट्रे या प्लग ट्रे में तैयार किया जाता है. प्रो-ट्रे में 1 से 1.5 वर्ग इंच का छेद होता है और इनमें महीन बीज जैसे पैंजी, अजेरेटम, स्वीट अलयसम, बिगोनिया, कानैंसन, सेलोसिया, कोचिया, कोलियस, सिनेररिया आदि की पौध की जाती है.
वहीं प्लग ट्रे में छेदों का आकार 1.5 से 2 वर्ग इंच होता है. इसमें गेंदा, बाल्सम, गजेनिया, कैलेंडुला, डहेलिया, एपोमिया, नसटरसियम, सनफ्लावर, टीथोनिया आदि फूलों की पौध तैयार की जा सकती है.
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